'मुक्तधारा' प्रेक्षागृह, भाई वीर सिंह मार्ग,
गोल मार्केट नई दिल्ली - ११०००१,
में विष्णुजी की कहानियों -
'धरती अब भी घूम रही है',
'डायन', व 'कितने जेब कतरे'
सभागार में विष्णु साहित्य प्रेमी,अनेक साहित्यकार, रंगमंच से जुडी हस्तियाँ व अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे!
मंच की कुछ झलकियाँ प्रस्तुत हैं -
उपरोक्त चित्र विष्णुजी के सुपुत्र श्री अतुल कुमार के सौजन्य से प्राप्त हुए!
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